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All About LIC IPO-LIC IPO DATE-LIC IPO Kya Hai

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All About LIC IPO-LIC IPO DATE-LIC IPO Kya Hai

भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का आईपीओ 4 मई को खुलेगा और 9 मई तक इसमें अर्जी लगाने का मौका है। एलआइसी भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। कंपनी के पास देश के अलग अलग शहरों में कीमती जायदाद और शेयर बाजार में पैसा लगाने वाला सबसे बड़ा संस्थान भी एलआइसी ही है। देश के सारे म्यूचुअल फंड मिलकर भी बाज़ार में एलआईसी के निवेश से लगभग आधे रकम भी जुटा पाते हैं। All About LIC IPO-LIC IPO DATE-LIC IPO Kya Hai

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इसलिए शेयर बाजार के खिलाड़ियों और निवेशकों को लंबे समय से उस दिन का इंतज़ार था जब सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने का फैसला करें और उन्हें इस बेशकीमती कंपनी के शेयर खरीदने का मौका मिल जाये। All About LIC IPO-LIC IPO DATE-LIC IPO Kya Hai

अब सवाल ये है की

एलआईसी की संपत्ति का बाजार भाव कितना है?

वैसे तो इसका जवाब बहुत मुश्किल है। वित्त मंत्री के ऐलान के बाद से आईपीओ आने तक लगभग 2 साल का जो समय लगा उसका बड़ा हिस्सा ये हिसाब लगाने में ही गया कि देशभर में फैली एलआईसी की संपत्ति का बाजार भाव क्या है और उस सबको जोड़ने के बाद एलआईसी की कीमत क्या बनती है सबको जोड़ने के बाद जानकार इस नतीजे पर पहुंचे थे कि सिर्फ गणित जोड़कर एलआईसी की कीमत निकाली जाए तो वह करीब 5,50,000 करोड़ रुपये है।

इसे एंबेडेड वैल्यू या अंतर्निहित मूल्य भी कहा जा सकता है, लेकिन कंपनियां जब बाजार में उतारा। LIC IPO Opening Date

आंख करोड़ रुपये है। इसे एंबेडेड वैल्यू या अंतर्निहित मूल्य भी कहा जा सकता है। लेकिन कंपनियां जब बाजार में उतरती है तब उन्हें फैसला करना होता है की वो बाजार को इस कीमत के कितने गुने पर अपने शेयर बेच सकती है। इसका फैसला इस बात से होता है कि कंपनी का भविष्य कैसा दिख रहा है और आगे जाकर यह कीमत किस रफ्तार से बढ़ सकती है। बाजार में कंपनी की हैसियत क्या है? और भी बहुत सी चीजें हैं

जिनके आधार पर सलाहकारों ने पाया था कि कंपनी की हैसियत करीब 13,50,000 करोड़ रुपये पर आ के जा सकती है यानी लगभग ढ़ाई गुना। लेकिन निवेशकों और सलाहकारों के साथ चर्चा के बाद अब सरकार एलआइसी के निहित कीमत से सिर्फ एक दशमलव।

एक गुना भाव पर आईपीओ में शेयर बेचने जा रही है। इसके लिए काफी हद तक बाजार के हालात और यूक्रेन उधर से पैदा हुई अनिश्चितता जिम्मेदार है। इसलिए जहाँ सरकार एलआईसी में 5-10 परसेंट हिस्सा बेचना चाहती थी, अब वो सिर्फ 3.5% हिस्सेदारी बेच रही है।

LIC ipo listing date यानी आईपीओ का आकार काफी छोटा हो चुका है। इसके बावजूद यह भारतीय बाजार का अबतक का सबसे बड़ा आईपीओ है और सरकार 22,00,00,000 से ज्यादा शेयर बेचकर लगभग 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है।

इससे पहले अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ पेटीएम का था, जिसमें 18,500 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। यहाँ ये याद दिला दें कि एलआइसी किसी। दूसरी कंपनी की तरह नहीं है। 1956 में जब भारत सरकार ने जीवन बीमा कारोबार का राष्ट्रीयकरण किया तब उसने एक विशेष कानून बनाकर देश की सारी जीवन बीमा कंपनियों का कारोबार समेटकर एलआईसी का गठन किया था। इसके तहत एलआईसी के सारे शेर सरकार के पास

क्या सरकार जल्दी ही LIC के और शेयर भी बाजार में बेच सकती है

नियम के हिसाब से शेयर बाजार में लिस्टेड किसी भी कंपनी में कम से कम 25% शेर जनता के पास यानी ऐसे लोगों के पास होनी चाहिए जो कंपनी के प्रमोटर नहीं है। लिस्टिंग के इस नियम का पालन करने के लिए सरकार को अपनी हिस्सेदारी 100% से घटाकर 75% तक लानी होगी। लेकिन आज आईपीओ में पैसा लगाने वालों के लिए ये फिक्र की बात हो सकती है। इसलिए सरकार ने ये। वादा भी किया है कि

आईपीओ आने के बाद कम से कम 1 साल तक वो अपने बाकी शहर में से कोई हिस्सेदारी बाजार में नहीं बेचेगा ताकि मौजूदा शेयर होल्डरों को उनके शेयरों की कीमत अचानक गिरने का डर ना रहे। अब बात ये है की एलआईसी के शेयर मिलेंगे कैसे ऐसा पहली बार है कि कोई कंपनी अपने सभी ग्राहकों को शेयरधारक बनने का प्रस्ताव दे रही हो। LIC ipo listing price

एलआईसी के लगभग 29,00,00,000 पॉलिसी धारक हैं।

इनमें बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्होंने कभी शेयर बाजार में निवेश नहीं किया। जानकारों का मानना है कि इनमें से 10% लोग भी अगर एलआईसी के शेर के लिए अर्जी लगाते हैं तो इससे दोहरा फायदा होगा। एक तोला इसी का इश्यू सफल होने की संभावना बढ़ जाएगी। और दूसरा इन लोगों को शेयर बाजार की राहत दिख जाएगी तो फिर ये दूसरी जगह भी निवेश की सोच सकते हैं।

LIC IPO का 10% हिस्सा यानी 2,21,00,000 शेर पॉलिसी धारकों के लिए अलग रखे गए हैं। साथ ही उन्हें शेयर की कीमत में ₹60 का डिस्काउंट भी दिया जाएगा, जो शेयर आम निवेशकों को 902 से ₹949 के बीच मिलेंगे। उन्हीं की कीमत पॉलिसी धारकों के लिए 842 से ₹889 तक होगी।

इन्हें आईपीओ का फॉर्म भरते वक्त यह बताना होगा कि वो पॉलिसीहोल्डर कोटे में अर्जी लगा रहे हैं। उनका पैन नंबर इस बात की गवाही दे देगा की वो पॉलिसीहोल्डर है। शेर मिलेंगे तो ₹60 सस्ते मिलेंगे और सीधे डीमैट अकाउंट में जाएंगे। इसलिए इनके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। lic ipo start date

पॉलिसीधारक हो या सामान्य व्यक्ति, दोनों के लिए ही कम से कम एक लॉट यानी 15 शेयरों की अर्जी लगाना जरूरी है। इससे कम की अर्जी नहीं लग सकती।

पॉलिसी धारक कोटे में अधिकतम ₹2,00,000 की अर्जी लगाई जा सकती है।

यानी अधिकतम 14 लौट के लिए अर्जी लग सकती है। तो क्या एक से ज्यादा अर्जी लगाना भी संभव है? वैसे तो आईपीओ में एक से ज्यादा अर्जी नहीं लगाई जा सकती, लेकिन एलआईसी के आईपीओ में पहली बार ये इंतजाम किया गया है की पॉलिसी धारक एक ही पैन कार्ड का इस्तेमाल करके दो आवेदन कर सकते हैं। एक पॉलिसी होल्डर कोटे में और एक सामान्य रूप से रिटेल या एच नाइ कोटे में। जिन लोगों के पास एलआईसी पॉलिसी नहीं है या जिन्होंने अपनी पॉलिसी को पैन से नहीं जोड़ा है, वह केवल एक ही अर्जी लगा पाएंगे।

आईपीओ में अर्जी कब से कब तक लगाई जा सकती है?

एलआईसी का आईपीओ 4 मई को खुल रहा है और 9 मई को बंद होगा।

इसी बीच ये अर्जी लगाई जा सकती है। आखिरी दिन अर्जी लगाने वालों को ध्यान रखना चाहिए। कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐप्लिकेशन बंद होने का टाइम थोड़ा जल्दी खत्म हो जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि उस दिन 12:00 बजे से पहले ही ये काम निपटा लिया जाए। lic ipo bid price

एलआईसी के आईपीओ में अर्जी लगाना फायदेमंद है।

इस सवाल का जवाब हर आदमी के लिए अलग अलग होगा। कंपनी लंबे समय से मुनाफ़े का कारोबार कर रही है। इस भाव पर शेयर जारी हो रहे हैं वो अच्छा दिख रहा है, लेकिन बाजार में अनिश्चितता का क्या करवा दे पता नहीं है। इसलिए ये फैसला हर निवेशक को अपने अध्ययन या अपने भरोसेमंद निवेश सलाहकार से बात कर कर ही लेना चाहिए।

क्या LIC पॉलिसीधारकों को IPO में मिलेगी छूट?
ऐसी रिपोर्टें हैं कि एलआईसी, एलआईसी पॉलिसीधारकों के लिए आईपीओ में इश्यू साइज का 10% तक आरक्षित रखेगी, जिससे आवंटन की अधिक संभावना होगी। ऐसी भी खबरें हैं कि सरकार एलआईसी पॉलिसीधारकों के लिए इश्यू प्राइस पर छूट की पेशकश कर सकती है। डीआरएचपी जारी होने पर आगे की जानकारी पता चलेगी ipo lic share price

क्या आप एलआईसी पॉलिसीधारक हैं अब एक निवेशक?
एलआईसी पॉलिसीधारक होने के साथ-साथ अब आप भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी में निवेशक भी बन सकते हैं। राज्य के स्वामित्व वाली बीमा कंपनी अपना आईपीओ लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। 1956 में अपनी स्थापना के बाद से, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने कई टोपी दान की हैं।

बीमा उद्योग में एलआईसी का बाजार हिस्सा क्या है?
LIC की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, जीवन बीमा क्षेत्र में LIC की बाजार हिस्सेदारी लगभग 69% थी। जीवन बीमा के अलावा, एलआईसी के निम्नलिखित व्यवसाय हैं: एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, एलआईसी म्यूचुअल फंड, एलआईसी पेंशन फंड, एलआईसी कार्ड सर्विसेज।

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